POCSO ACT 2012,पोक्सो अधिनियम 2012,POCSO ACT (अधिनियम) किस वर्ष बनाया गया, उम्र की शर्त,अधिनियम का महत्व, स्कूल और कॉलेजों की भूमिका, माता पिता की भूमिका
साथियों आज के इस लेख के माध्यम से आपको स्कूल और कॉलेजों में लागू किए गए पोक्सो एक्ट(POCSO ACT 2012) जागरूकता अभियान के बारे में जानकारी देने जा रहा हूं। हाल ही में 26 जुलाई 2022 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए गए एक वेबीनार में यह बात स्पष्ट कर दी गई है कि स्कूल और कॉलेजों के बच्चों को पॉक्सो एक्ट 2012 के बारे में पूरी जानकारी दी जाए|इसके अलावा आसपास के पुलिस अधिकारी भी इस कानून के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आ सकते हैं।
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पोक्सो((POCSO ACT 2012) जागरूकता अभियान
दिन पर दिन बच्चों के साथ यौन शोषण की घटना बढ़ती ही जा रही है। ऐसी कई घटनाएं सुनने में मिलती है जिसमें बच्चों के साथ गलत व्यवहार के साथ उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है। कभी-कभी तो बच्चे इन बातों से अनभिज्ञ भी नजर आते हैं। बच्चों को गुड टच एंड बैड टच (GOOD TOUCH AND BAD TOUCH )के बारे में अंतर भी पता नहीं होता है।
इसीलिए माता-पिता और शिक्षक की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि बच्चों को इन सभी बातों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दें। इसीलिए सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में पॉक्सो कानून जागरूकता कार्यक्रम को लागू करने के लिए कहा है। आज के में माहौल में बच्चे समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके साथ अन्याय हो रहा है या नहीं? यह एक बड़ी चिंता का कारण बन सकता है|और अगर उन्हें यह समझ में आता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है तो वे यह नहीं समझ पाते हैं कि इसकी शिकायत वे कहां करें?? इसीलिए हर स्कूल POCSO ACT जागरूकता कार्यक्रम को सकारात्मक रूप से लागू करें|
POCSO ACT 2012 किसे कहते है?
POCSO एक्ट का.मतलब होता है protection of children from sexual offences. संक्षेप में कहें तो बच्चों को लैंगिक अत्याचार से संरक्षण प्रदान करने वाला कानून
आज समाज में अक्सर हमें दिखाई देता है कि छोटे लड़के और लड़कियों के साथ ही यौन अन्याय और दुव्यहार की घटनाएं नजर आती है। इन अत्याचारों पर अंकुश लगाने या ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा देने के लिए जो कानून बनाया गया हैं इसे POCSO ACT कहते हैं|
POCSO ACT (अधिनियम) किस वर्ष बनाया गया था।
यह अधिनियम बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण प्रदान करने वाला अधिनियम है। भारत सरकार ने इस अधिनियम को 2012 में लागू किया। इस अधिनियम के पीछे मुख्य भूमिका यौन अन्याय करने वाले व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देना और बच्चों के यौन शोषण को रोकना है।
POCSO अधिनियम क्यों बनाया गया था??
लैंगिक हमला:
समाज में ऐसे कई सारे व्यक्ति मिलते हैं जिनकी दिमागी सोच बहुत ही निचले स्तर की होती है। ऐसे व्यक्ति किसी भी उम्र के हो सकते हैं। ज्यादातर ऐसे व्यक्ति परिचित तथा वयस्क होते है। मौका पाते ही ऐसे व्यक्ति छोटे लड़के और लड़कियों पर जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं। कई बार उनके साथ अश्लील हरकत भी करते हैं। इन्ही सभी घटनाओं को रोकने के लिए POCSO ACT बनाया गया है।
यौन उत्पीडन :
यदि आप गौर करेंगे तो अदालत और पुलिस थाने में सबसे अधिक मामले यौन उत्पीड़न के ही नजर आते हैं। यौन उत्पीड़न को बहुत ही क्रूर प्रकृति का दिखाया गया है। सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं भी चौंकाने वाली है। इन सभी घटनाओं को अंजाम देने वाले को कड़ी सजा देने हेतु POCSO ACT का निर्माण किया गया है|
पोर्नोग्राफी:
कभी-कभी बच्चों को बिना बताए उनके असलील वीडियो बना दिए जाते हैं और उन वीडियो को वायरल करने का झांसा देकर उनके साथ यौन शोषण किया जाता है। इस तरह की पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने के लिए पोक्सो एक्ट 2012 बनाया गया है। इस तरह के अश्लील वीडियो बनाना कानून की दृष्टि में अपराध है।
POCSO ACT के महत्वपूर्ण प्रावधान
1)इस नियम के अनुसार यदि किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की जाती है तो उस व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा। उसके नाम का कही भी प्रचार नहीं किया जाएगा।
२)इस संदर्भ में यदि कहीं से भी शिकायत प्राप्त होती है तो महिला पुलिस अधिकारी या कोई भी पुलिस पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में संबंधित व्यक्ति के पास जाता है।
३)इस अधिनियम के अंतर्गत आरोपी तथा आरोप लगाने वाले को लेकर काफी सावधानियां बरती जाती है। इन दोनों को अदालत में कभी भी एक दूसरे के सामने पेश नहीं किया जाता है।
४)जिस लड़के लड़की के साथ इस प्रकार का अन्याय हुआ है उन्हें न्याय दिलाना है इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है।
५)जिनके साथ इस प्रकार की घटना होती है उन्हें अपने मन में यह बात कभी भी नहीं रखना चाहिए कि समाज में लोगों को इस बात का पता होने पर समाज में उनकी इज्जत कुछ कम हो जाएगी। उल्टा उन्हें यह सोचना चाहिए कि एक योग्य कदम उठाने से समाज में इस तरह की बुराइयां दूर की जा सकती है।
पोक्सो एक्ट में उम्र की शर्त
इस अधिनियम के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को संरक्षण प्रदान किया जाता है। और सबसे खास बात यह है कि मानसिक मंदता पर विचार नहीं किया जाएगा। कहने का तात्पर्य है कि जिस व्यक्ति की शारीरिक आयु 18 वर्ष से कम है वह कानून के तहत सुरक्षित है।

पोक्सो अधिनियम का महत्व?
इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाया जाएगा। इस कानून का ज्ञान सिर्फ बच्चों को नहीं बल्कि उनके माता-पिता शिक्षक और हर वर्ग के लिए उपयोगी है।
पोक्सो अधिनियम पर स्कूल और कॉलेजों की भूमिका
हम सभी जानते हैं कि स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को पढ़ाया जाता है। परंतु यदि पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें पोक्सो अधिनियम के बारे में भी जानकारी दी जाए तो भविष्य में किसी भी बच्चे के साथ होने वाले यौन शोषण जैसी घटनाओं से बचा जा सकता है। बच्चे इस नियम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद यह समझ सकेंगे कि यदि उनके साथ यौन शोषण हो रहा है तो किस प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए? किस से शिकायत करनी चाहिए?
पोक्सो अधिनियम में माता- पिता की भूमिका
यदि माता-पिता भी इस नियम के बारे में जानकारी रखते हैं तो वे अपने बच्चों को पोक्सो अधिनियम के बारे में जानकारी देकर अपने बच्चों को भविष्य में उनके साथ होने वाली किसी भी प्रकार की लैंगिक शोषण घटना से उन्हें बचा सकते हैं।
सारांश:
तो साथियों इस प्रकार आज के इस लेख के माध्यम से मैंने आपको पोक्सो अधिनियम के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है। मैं आशा करता हूं कि इस जानकारी को आप अपने बच्चे तक जरूर पहुंचाएंगे। यह जानकारी आपको कैसी लगी जरूर कमेंट बॉक्स में लिखें। जानकारी से संबंधित यदि कोई प्रश्न आपके मन में हो तो उसे भी कमेंट बॉक्स में लिखें। आपके पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने का शीघ्र से शीघ्र प्रयत्न करूंगा।