ACUPUNCTURE: जानिए क्या होता है एक्यूपंचर, और कैसे हम प्राप्त कर सकते हैं इसके द्वारा अनगिनत लाभ
साथियों आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि एक्यूपंचर क्या होता है? एक्यूपंचर शरीर में किस प्रकार काम करता है? एक्यूपंचर के अलग-अलग खतरे क्या है?एक्यूपंचर के कौन-कौन से लाभ मिलते हैं? साथ ही साथ शरीर की कौन-कौन सी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकता है एक्यूपंचर |तो पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप मेरे साथ इस लेख में अंत तक बने रहे।
Acupuncture (एक्यूपंचर) क्या होता है
एक्यूपंचर एक प्रकार की थेरेपी है जिसके अंतर्गत शरीर के अलग-अलग भाग में पतली- पतली सुइयों को चुभाया जाता है। एक्सपर्ट डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि ऐसा करने पर शरीर के अलग-अलग भाग से दर्द निकालने में मदद मिलती है साथ ही साथ स्वास्थ्य संबंधी यदि कोई समस्या है तो उसे भी यह थेरेपी दूर करने में मददगार साबित हो सकती है। इस थेरेपी के बारे में कुछ लोग का मानना है कि यह वाइटल एनर्जी को संतुलित करती है ,जबकि कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि यह न्यूरोलॉजिकल इफेक्ट के कारण होता है। यह थेरेपी एक कंप्लीमेंट्री थेरेपी के नाम से भी प्रचलित है।
Acupuncture (एक्यूपंचर) के खतरे क्या है
यदि आप इस थेरेपी को लेना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। डॉक्टर ही बता सकता है कि यह थेरेपी आपके लिए उचित है या अनुचित है। क्योंकि इस थेरेपी के फायदे हैं तो कुछ हद तक इसके नुकसान भी होते हैं। इसीलिए डॉक्टर से सुनिश्चित करने के बाद ही इस थेरेपी को लेना उचित माना जाता है। आइए इस थेरेपी से संबंधित कुछ खतरे के बारे में मैं आपको जानकारी देता हूं।
-जैसे कि हम जानते है कि इस थेरेपी में शरीर के अलग-अलग भागों में पतली- पतली सुईया चुभाई जाती है। इसके कारण वहां से रक्त बहना , घाव होना या बहुत अधिक दर्द महसूस होना जैसी समस्याएं निर्मित हो सकती है।
-एक्यूपंचर के लिए इस्तेमाल की गई सुईयां यदि स्टेरलाइज(Sterlize) ना हो तो शरीर में इंफेक्शन होने के चांसेस बने रहते हैं|
-इस थेरेपी के अन्तर्गत पतली- पतली सुईया शरीर के अलग-अलग भागों में गहराइयों तक चुभाई जाती है, ऐसी स्थिति में कभी-कभी सुईयां शरीर के अंदर ही टूट जाती है जिसके कारण अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंच जाता है।
कैसे काम करता है Acupuncture (एक्यूपंचर)
जानकारों का मानना है कि शरीर में 361 Acupuncture (एक्यूपंचर) पॉइंट्स होते हैं।शरीर में पतली- पतली सुईयों को चुभाने से ऊर्जा प्रवाह में वापस संतुलन आ जाता है। साथ ही साथ शरीर के जिन हिस्सों में ब्लड का फ्लो धीरे होता है, उन हिस्सों में उसी समय ब्लड फ्लो भी अच्छी तरह से बढ़ जाता है। यह थेरेपी पद्धति संवेदी न्यूरॉन्स की गतिविधियों को भी प्रभावित करती है। इसके अलावा सुई चुभाने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों में होने वाले दर्द पर भी असर पड़ता है।
Acupuncture (एक्यूपंचर) करने के लाभ
-यह उपचार की एक लचीली प्रक्रिया है। इस पद्धति का उपयोग करने से शरीर से सम्बन्धित कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो जाती है।
-इस थेरेपी का इस्तेमाल करने से पुराने दर्द ,माइग्रेन और सिरदर्द जैसी समस्याओ से भी छुटकारा पाया जाता है।
-इस थेरेपी के साइड इफेक्ट का जोखिम काफी कम होता है।
Acupuncture (एक्यूपंचर) किन समस्याओ के लिए उपयोगी है।
-यदि व्यक्ति में घुटनों का दर्द, कमर दर्द है तो ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए एक्यूपंचर पद्धति को प्रयोग में लाया जा सकता हैं।
-यदि व्यक्ति सिर दर्द, माइग्रेन से पीड़ित है तो ऐसे व्यक्ति के लिए इस पद्धति का इस्तेमाल किया जा सकता है।
-यदि व्यक्ति थकान महसूस करता है ,उसका जी मिचलता है या उसके गर्दन में दर्द है तो ऐसी परिस्थिति में भी इस पद्धति का उपयोग किया जा सकता है।
-यदि व्यक्ति पेरीफेरल न्यूरोपैथी ओस्टियोआर्थराइटिस या रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित हो, तो एक्यूपंचर विधि का उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष
तो साथियों इस प्रकार आज हमने इस लेख के द्वारा यह जाना कि एक्यूपंचर क्या होता है? एक्यूपंचर शरीर में किस प्रकार काम करता है? एक्यूपंचर के अलग-अलग खतरे क्या है?एक्यूपंचर के कौन-कौन से लाभ मिलते हैं? साथ ही साथ शरीर की कौन-कौन सी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकता है Acupuncture
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