PARENTING TIPS FOR DAUGHTER
साथियों पहले का जमाना था जिसमें बेटियों को कम आका जाता था। बेटियों को कमजोर और असहाय समझा जाता था। परंतु अब जमाना पूरी तरह से बदल गया है। बेटियां किसी भी मामले में बेटों से अब कम नहीं रही है। दिन पर दिन हर क्षेत्र में बेटियां प्रगति करती जा रही है। साथियों आज के लेख में मैं आपको बताने वाला हूं कि कौन सी शिक्षा आप बेटियों को बचपन में दें जिससे वे बड़े होने पर सेल्फ डिपेंडेंट रहे।
साथियों आज के इस लेख में मैं आपको कुछ ऐसे टिप्स बताऊंगा, जिसका अनुसरण यदि आप उनके बचपन में करते हैं तब निश्चित ही बेटियां अपने जीवन में एक स्टैंड ले सकेगी । और अपनी इच्छाएं पूरी तरह से कर सकेगी तथा पूरे जीवन भर आत्मनिर्भर बनी रहेगी।
स्वयं की देखभाल या केयर करना
अक्सर यह पाया जाता है कि परिवार मे बेटियां हर किसी का देखभाल करती है लेकिन वे अपने ऊपर कभी भी ध्यान नहीं दे पाती है। इसीलिए हर घर में माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि बेटियों को खुद की देखभाल करने के लिए पूरी तरह से उन्हें प्रेरित करना चाहिए। उनके जरूरतों पर पूरी तरह से ध्यान देना चाहिए। उन्हे भविष्य में बढ़ने के लिए सदैव उचित मार्गदर्शन करते रहना चाहिए।
अपने अधिकारों के लिए लड़ना
ऐसा पाया गया है कि कई घरों में बेटियों और बहुओं से उनके अधिकार छीनने की कोशिश की जाती है। इसीलिए हर माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि बचपन से ही बेटियों को अपने अधिकार जैसे पढ़ाई ,नौकरी या कोई जरूरी काम हो तो उसके लिए जरूर लड़ना चाहिए। इसके अलावा उन्हें यह भी शिक्षा देना चाहिए कि किसी दूसरे के अधिकार को छीनना उचित नहीं है। माता पिता होने के नाते कभी भी बेटे- बेटियों में फर्क नहीं करना चाहिए। परिवार में बेटे को जो सम्मान दिया जाता है वही सामान बेटियों को भी मिलना चाहिए।
समय की कद्र करना
सभी माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि बचपन से ही बेटियों को समय के महत्व के बारे में जानकारी देना चाहिए। सही समय पर काम करना, सही फैसले लेना ये सभी गुण बेटियों को बचपन में ही समझाने चाहिए।
बेटियों को यह भी समझाना चाहिए कि कोई भी डिसीजन लेने से पहले पूरी तरह से सोच विचार करें। बड़ों से भी सुझाव लेना चाहिए ऐसा उन्हें सीखना चाहिए। क्योंकि यदि वे जीवन में कोई गलती करती है तो उनका एक गलत फैसला उनकी जिंदगी में काफी कुछ बदलाव ला सकता है।
अपने निर्णय स्वयं लेना
सभी माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि बचपन से बेटियों को अपने निर्णय स्वयं लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ये सीख उन्हें आत्म निर्भर बनने में मदद करती है। यदि उनके अंदर स्वयं के निर्णय लेने के गुणों का विकास कर दिया जाता है तो भविष्य में भी किसी भी प्रकार के फैसले वे खुद ले सकती हैं। फैसले लेने के लिए दूसरे पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में किसी भी बड़े फैसले को लेने में कभी वे संकोच नहीं करेगी।

बड़ों को सम्मान देना
बेटियों में बचपन से ही बड़ों को रिस्पेक्ट देने वाला गुण सिखाना चाहिए। उन्हें सीखाना चाहिए कि छोटा हो या बड़ा सभी को एक नजर से देखना चाहिए। ऐसा करने से वे जीवन में हमेशा सफलता ही प्राप्त करेगी।
समाज के प्रति जिम्मेदारी
जैसा कि हम सभी जानते है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। बेटियों को बचपन से यह सिखाना चाहिए कि हमें समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। समाज को पप्रगतिशील बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
लक्ष्य के प्रति जागरूक
बेटियों को बचपन से सीखाना चाहिए कि उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति हमेशा जागरूक और सतर्क करना चाहिए। भविष्य में या जीवन में वो जो भी कुछ बनना चाहती हैं उसके लिए हमेशा निरंतर कठिन परिश्रम करते रहना चाहिए।तो साथियों आपको बताना चाहूंगा कि यदि आप अपनी बेटियों को इन सभी मुद्दों के बारे में बचपन से ही उन्हें समझाते आयेगी तो निश्चित रूप से बड़ी होने पर वे अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनी रहेगी।
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