मित्रों / साथियों और बच्चों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मै आपको हिन्दी पत्र लेखन(LETTER WRITING IN HINDI ) की सम्पूर्ण जानकारी देने वाला हूँ |जानकारी प्राप्त करने के लिए मेरे साथ इस आर्टिकल मे अंत तक बने रहे |
Table of Contents
प्रस्तावना (LETTER WRITING IN HINDI)
अपने विचारों , भावों को शब्दों के द्वारा लिखित रूप में अपेक्षित व्यक्ति तक पहुंचा देने का एक साधन पत्र है। पत्र द्वारा हम अपने सगे- संबंधियों के कुशल समाचार जान सकते हैं। केवल सगे संबंधियों को ही नहीं, अपितु कार्यालयों ,संपादकों, अधिकारियों, अध्यापकों आदि सभी को पत्र द्वारा विशेष जानकारी दी जा सकती है। पत्र लेखन की कला को आत्मसात करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है। अपने विचारों को उचित तथा कम से कम शब्दों में संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाना ,अनुकूल भाषा का प्रयोग करना यह सभी एक कला है।
साथ ही साथ पत्र लेखन की पद्धति में काफी परिवर्तन हो गया है। पत्र लेखन में आधुनिक तंत्रज्ञान या तकनीक का उपयोग करना समय की मांग है। आने वाले समय में आपको ईमेल भेजने के तरीके से भी अवगत होना होगा| अतः इस वर्ष से पत्र के नए प्रारूप के अनुसार ईमेल की पद्धति को अपनाना अपेक्षित है।
पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
👉पत्र की भाषा सरल सुबोध तथा पढ़ने योग्य हो।
👉पत्र व्यवहार में अनावश्यक बातें ना लिखें।
👉पत्र अधिक लंबा नहीं होना चाहिए।
👉पत्र में जरूरी मुद्दे को कवर करें।
👉पत्र की लिखावट सुंदर और साफ अक्षरों में होनी चाहिए।
👉पत्र में कभी भी ऐसी बातें नहीं लिखनी चाहिए जिसे दूसरे के मन को ठेस पहुंचे।
👉पत्र प्राप्त कर्ता का नाम व पता साफ-साफ अक्षरों में लिखना चाहिए।
👉पत्र में योग्य संबोधन तथा अभिवादन लिखना अनिवार्य है।
पत्र लेखन के मुख्य प्रकार-
1)औपचारिक अथवा कार्यालयी अथवा व्यवसायिक पत्र(Formal letter)
यह पत्र व्यवसायिक उद्देश्यों से परिचितों अथवा अपरिचितों को लिखे जाते हैं। उदाहरण के तौर परअधिकारियों, सरकारी कार्यालयों, प्रधानाचार्य संपादकों ,पुस्तक विक्रेताओं आदि के पत्र औपचारिक पत्र माने जाते हैं।
2)अनौपचारिक अथवा घरेलू पत्र(Informal Letter)
यह पत्र सगे संबंधियों और परिचितों को लिखे जाते हैं। जैसी मामा, मामी ,नाना ,नानी भाई-बहन ,पिता ,मित्र इत्यादि
🔆औपचारिक पत्र लिखने का सही तरीका
दिनांक :…………|
प्रति ,
………………|
……………….|
विषय :………..|
संदर्भ :…………|
महोदय /महोदया ,
विषय विवेचन :………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
भवदीय /भवदीया ,
………………………………………….
नाम :……………………..|
पता :……………………….|
ई -मेल :……………………|
प्राप्तकर्ता का पता
औपचारिक पत्र लेखन करते समय बाई ओर प्रति शब्द लिखना चाहिए। उसके नीचे प्राप्तकर्ता का पदनाम और पता पिन संख्या के साथ लिखना चाहिए। दिनांक, अब प्रेषक के नीचे न लिखकर , प्राप्तकर्ता या संबोधन के ऊपर की पंक्ति पर बाईं ओर लिखना चाहिए।
विषय तथा संदर्भ
पता लिखने के बाद नीचे की पंक्ति पर विषय तथा संदर्भ लिखकर पत्र लिखने का हेतु एक या दो पंक्तियों में स्पष्ट करना चाहिए।
संबोधन
औपचारिक पत्र में संबोधन, पद के अनुसार करना चाहिए। जैसे महोदय /महोदय, माननीय महोदय, माननीय महोदया, आदरणीय महोदय..
औपचारिक पत्र में अभिवादन नहीं किया जाता है।
पत्र का मुख्य स्वरूप
संबोधन के नीचे की पंक्ति पर पत्र का मुख्य विषय आरंभ होता है। औपचारिक पत्र लिखने की विधि यह होती है कि ऐसे पत्र बहुत लंबे नहीं लिखे जाते है। यानी मुख्य विषय को संक्षेप में प्रस्तुत करना चाहिए। भाषा में भी औपचारिकता बरतनी चाहिए।
पत्र का समापन
जैसे ही पत्र का मुख्य स्वरूप समाप्त होता है, नीचे की पंक्ति पर बाई और पत्र भेजने वाले का स्वनिर्देश लिखना चाहिए। जैसे भवदीय /भवदीया, आपका विश्वासी, विनीत आदि लिखकर नीचे की पंक्ति पर पत्र भेजने वाले का नाम लिखें।
ध्यान रखें
(प्रश्न- पत्र में जो नाम दिया गया हो) और स्वाक्षरी के बाद- प्रेषक का पूरा नाम, पता लिखना चाहिए। साथ ही साथ नीचे की पंक्ति पर ईमेल आईडी भी लिखना अनिवार्य है।
पूरा पत्र बाई तरफ ही लिखना चाहिए। पत्र लेखन में अभी लिफाफा तैयार करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉनिक मेल है, पत्र में ही पता लिखा जाता है।
🔆अनौपचारिक पत्र लिखने का सही तरीका
दिनांक :………………..|
सम्बोधन :……………….|
अभिवादन :……………..|
प्रारंभ :………………….|
विषय विवेचन :………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
तुम्हारा /तुम्हारी ,
………………………………………….
नाम :……………………..|
पता :……………………….|
ई -मेल :……………………|
संबोधन तथा अभिवादन
अनौपचारिक पत्र में पत्र के बाई ओर तिथि लिखना चाहिए।उसके नीचे प्राप्तकर्ता का नाम लिखकर नीचे की पंक्ति पर रिश्तो तथा छोटे -बड़ों के अनुसार संबोधन और अभिवादन करना चाहिएl ऐसे पत्र में विषय तथा संदर्भ नहीं लिखे जाते है।
पत्र के मुख्य स्वरूप का आरंभ
अनौपचारिक पत्र में आरंभ में जिसको पत्र लिखा जाता है, उसका एक- दो पंक्तियों में कुशलता पूछना चाहिए। उसके पश्चात दो -से तीन पंक्तियों में बांटकर मुख्य विषय का विवेचन करना चाहिए। विषय विवेचन में सरल भाषा का उपयोग करना चाहिए।
पत्र का समापन
पत्र के मुख्य स्वरूप की जानकारी दे देने के बाद , पत्र के बाई और पत्र भेजने वाले को पारिवारिक संबंध का निर्देश करना चाहिए। जैसे आपका, आपकी, तुम्हारा इत्यादि। इसके बाद नीचे की पंक्ति पर प्रेषक का हस्ताक्षर, नाम, और पूरा पता लिखना चाहिए। उसके नीचे की पंक्ति में प्रेषक का ईमेल आईडी भी लिखना चाहिए।
निष्कर्ष
तो मित्रों / साथियों और बच्चों इस प्रकार आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम हिन्दी पत्र लेखन(LETTER WRITING IN HINDI ) की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली हैं | आर्टिकल मे अंत तक बने रहने के लिए आपका कोटि -कोटि धन्यवाद |