INSULIN PLANT TO CURE DIABETES: डायबिटीज को कंट्रोल करने वाले इन्सुलिन पौधे के बारे में जानिए खास बातें
लोगों के खाने-पीने का तौर तरीका इतना बदल चुका है कि आजकल मधुमेह के मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है। अपने डायबिटीज लेवल को कम करने के लोग अनेक प्रकार की दवाइयां तथा इलाज कराते हैं फिर भी उन्हें सफलता नहीं प्राप्त होती है। हम सभी जानते हैं कि एक बार जब किसी व्यक्ति को मधुमेह यानि डायबिटीज हो जाता है तो उसे अपने खाने पर तरह-तरह के नियंत्रण करने पड़ जाते हैं। आज मैं इस लेख में डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए ऐसे पौधे के बारे में बताने वाला हूं जो बहुत ही कारगर साबित हो सकता है तथा इस पौधे को आप अपने घर में भी उगा सकते हैं। इस पौधे का नाम है इंसुलिन प्लांट। तो साथियों चलिए जानते हैं कि इंसुलिन प्लांट क्या होता है? और यह पौधा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में किस हद तक सहायक होता है।
प्राचीन काल से अभी तक ऐसे कई सारी बीमारियां हैं जिनका इलाज करने के लिए जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन काल से हमारा भारत देश जड़ी बूटियों का खजाना रहा है। अलग-अलग प्रकार के रोगों का उपचार करने के लिए आर्युवेद इन जड़ी बूटियों का प्रयोग सदियों से करता आया है। भारत में लगातार डायबिटीज पेशेंट की संख्या बढ़ने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि जड़ी बूटियां डायबिटीज के उपचार में मददगार हो सकती है।
इन्सुलिन पौधे के बारे में क्या कहती है रिसर्च
एक शोध से पता चला है कि इन्सुलिन प्लांट की पत्तियों मे शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की क्षमता पाई जाती है। एक रिसर्च में ब्लड ग्लूकोस लेवल बड़े हुए चूहे को प्रतिदिन 10 मिलीग्राम इंसुलिन पत्तियों का पाउडर रोजाना दिया गया ।यह क्रम 20 दिन तक चला। 21वीं दिन जब चूहे के ब्लड शुगर का मापन किया गया तो ऐसा पाया गया कि उसका ब्लड शुगर लेवल कम हो गया है।
इंसुलिन प्लांट कैसे करते हैं ब्लड शुगर कंट्रोल
इन्सुलिन प्लांट में कार्सोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इन्सुलिन प्लांट की पत्तियों का सेवन किया जाता है तो कार्सोलिक एसिड पेनक्रियाज से इन्सुलिन सेक्रेशन को बढ़ावा देने लगती है। इस कारण शुगर ग्लाइकोजन में रूपांतरण होने लगता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। वाटर सॉल्युबल कंटेंट होने के कारण ब्लड से ग्लूकोज अब्सोर्पशन को घटा देता है। इस तरह से यह पौधा शुगर लेवल को मैनेज करने में कारगर होता है। यह पौधा कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी मैनेज करता है। इसके अलावा कफ, कोल्ड ,अस्थमा, यूरिन इन्फेक्शन में भी कारगर साबित होता है। मेडिसिनल प्लांट में स्टेरॉइड,प्रोटीन, सेपोनिंस, टेनिंस भी पाए जाते हैं।

जानिए कैसे करें इंसुलिन पत्तियों का इस्तेमाल
पत्तियों को चबाकर:
इंसुलिन की पत्तियों को रोजाना चबाकर पानी पीने से ब्लड सुगर कंट्रोल रहेगा ।यह प्रक्रिया कम से कम 21 दिन तक जरूर करें।
पत्तियों को सुखाकर:
इंसुलिन पौधे की पत्तियों को छाया में सुखा लें ।इसे ग्राइंड कर पाउडर बना लें ।और नियमित रूप से पानी के साथ एक टेबल स्कूल का सेवन करें। यह करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।
पत्तियों को उबालकर
धीमी आंच पर कुछ पत्तों को 10 मिनट के लिए उबाल लें। छानकर पानी को प्रतिदिन 2 बार पिए। यह प्रक्रिया करने से ब्लड शुगर लेवल अपने आप कंट्रोल होने लगता है।
कहां कहां उगा सकते हैं इन्सुलिन पौधे को
यह पौधा ज्यादातर नंबर हल्के गर्म वातावरण में सालों भर गया जा सकता है। इस पौधे को अक्सर लोग अपने घरों के बालकनी में गमले में भी उगाते है। किसी भी नर्सरी से इसका पौधा मिल सकता है। एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टी कर कारण इसकी खूब मांग है।