साथिया आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको यह जानकारी देने वाला हूं कि किस प्रकार आप इनकम टैक्स के अलग-अलग सेक्शन में इन्वेस्टमेंट कर कर आप अपने इनकम टैक्स को बचा (How to Save Income Tax)सकते हैं| साथ ही आपको यह भी जानकारी देने वाला हूं कि किस प्रकार 80C,80D,80DD,80DDB,80TTA,80E,80G, तथा सेक्शन 80U के तहत निवेश करके आप अपने टैक्स में बचत कर सकते हैं। तो साथियों पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल में आप मेरे साथ अंत तक बने रहे।
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प्रस्तावना (How to Save Income Tax)
मित्रों बजट 2022 से यह बात स्पष्ट हो गई है कि इनकम टैक्स के स्लैब में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है। अगर आप वेतन भोगी कर्मचारी है, और हर वर्ष आपको ज्यादा इनकम टैक्स भरने के लिए आता है , तो मैं नीचे कुछ इनकम टैक्स के अंतर्गत ऐसे Section बताने वाला हूं ,जहां पर आप अपने पैसे का निवेश करके इनकम टैक्स में छूट प्राप्त करने के योग्य बन सकते हैं।
सेक्शन 80C –
इस सेक्शन के अंतर्गत कुल डेढ़ लाख रुपए तक की छूट प्राप्त होती है। इसके अंतर्गत आप EPF,PPF, LIC,SUKANYA SAMRIDDHI YOJANA, NSC, TAX SAVING MUTUAL FUND और TAX SAVING FD मैं पैसों का निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा भी दो बच्चों की पढ़ाई में लगी ट्यूशन फीस, होम लोन की किस्त में शामिल मूलधन तथा घर की खरीद में स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि में लगाए गए पैसों को 80C में दिखाकर इनकम टैक्स से छूट का दावा कर सकते हैं।
सेक्शन 80CCD-
NPS (NATIONAL PENSION SYSTEM) में सेक्शन 80CCD के तहत बेसिक सैलरी की 10 परसेंटेज तक के निवेश पर भी आपको 80C से अलग इनकम टैक्स छूट का लाभ मिलता है|
सेक्शन 24B-
यदि आपने घर खरीदा है और उसे खरीदने के लिए बैंक से लोन लिया है तो मासिक किस्त में कुल ₹200000 तक के ब्याज पर आपको इनकम टैक्स की छूट आसानी से मिल सकती है। इसके अलावा घर की मरम्मत के लिए ₹30,000 तक का यदि आपने बैंक से लोन लिया है तो भी इस पर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त होती है।
सेक्शन 80D-
इस सेक्शन के अंतर्गत यदि आपने खुद ,पति /पत्नी और बच्चों के नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस लिया हो तो उसमें चुकाए जाने वाला प्रीमियम की रकम (25, 000रूपये तक ) को 80D मैं दिखाकर इनकम टैक्स में भारी छूट प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा यदि आपने अपने पेरेंट्स के नाम पर कोई हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो ₹25,000 /तक के निवेश पर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही साथ यदि आपके पैरेंट्स सीनियर सिटीजन है तो आप हेल्थ इंश्योरेंस के ₹30,000/ तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं।
सेक्शन 80DD-
यह सेक्शन आप पर आश्रित किसी विकलांग व्यक्ति के लिए चिकित्सा खर्च से संबंधित है। आश्रित में जीवनसाथी ,बच्चे ,पेरेंट्स, भाई या बहन भी हो सकते हैं। यदि आश्रित व्यक्ति की विकलांगता 40 फ़ीसदी है तो टैक्स बचत के लिए ₹75,000/ तक का खर्च दिखाया जा सकता है। और अगर यही विकलांगता 80 फ़ीसदी है तो टैक्स बचत करने के लिए ₹1,25,000 तक का मेडिकल खर्च दिखाया जा सकता है।
सेक्शन 80DDB-
इस सेक्शन के अंतर्गत बड़ी बीमारी जैसे कैंसर ,किडनी आदि का खर्च कवर होता है। यदि खुद या आश्रित व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम है तो बीमारी के इलाज में आने वाले ₹40000 तक का खर्च इनकम टैक्स में दिखाकर छूट का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। और यदि व्यक्ति की उम्र 60 से 80 साल के बीच में हो तो इस तरह की बीमारी के लिए ₹60,000 तक का खर्च इनकम टैक्स में दिखाया जा सकता है। सुपर सीनियर सिटीजन के मामले में यह छूट Rs.80,000/ तक की होती है।
सेक्शन 80U-
इस सेक्शन के अंतर्गत यदि आप खुद 40 फ़ीसदी विकलांग है तो आपको इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है। ध्यान रहे व्यक्ति 80U और सेक्शन 80D दोनों का लाभ एक साथ में नहीं उठा सकता हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि यह सेक्शन खुद की विकलांगता से जुड़ा है जबकि सेक्शन 80D आश्रितों से जुड़ा है
सेक्शन 80E-
अगर व्यक्ति ने खुद के लिए ,पति-पत्नी , या बच्चों के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो इस लोन पर जो ब्याज आता है वह संपूर्ण ब्याज 80E के तहत दिखाकर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है। यह रकम किसी भी सीमा तक हो सकती है और देश विदेश में कहीं भी पढ़ाई के लिए ली जा सकती है। शर्त इतनी होती है कि यदि आपको छूट प्राप्त करना हो तो लोन फुल टाइम उच्च शिक्षा के लिए लिया गया हो।

सेक्शन 80G-
इसके अंतर्गत यदि आप ने किसी चैरिटी या धार्मिक संस्था में कुछ पैसे दान किए हैं तो दान की गई पूरी रकम को 80G के तहत दिखाकर आप इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं`|
सेक्शन 80TTA-
इसके अंतर्गत यदि आपको किसी बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस से जमा किए गए पैसों पर कुछ ब्याज मिला है और उस ब्याज की जो रकम है वह Rs 10,000/ तक है तो आप उस पैसे को इस सेक्शन के अंतर्गत दिखाकर इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं।
उपसंहार
तो मित्रों इस प्रकार आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने यह जानकारी प्राप्त कि की किस प्रकार इनकम टैक्स के अलग-अलग सेक्शन में इन्वेस्टमेंट कर कर अपने इनकम टैक्स को बचा (How to Save Income Tax)सकते हैं|
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