मित्रों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने वाला हूं कि सेरेब्रल पाल्सी बीमारी(Cerebral Palsy Disease) क्या है, इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से है और इस बीमारी का इलाज किस प्रकार किया जा सकता है। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप मेरे साथ इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे।
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प्रस्तावना –
साथियों आज हम एक ऐसे युग से गुजर रहे हैं जिस युग में बीमारियों की कमी नहीं है। कैंसर ,टीवी ,एड्स ऐसी बीमारियां हैं जो व्यक्ति का जीवन खराब कर देती है। लोगो का आधे से ज्यादा समय इलाज करने में बीत जाता है। व्यक्ति किसी भी उम्र के पड़ाव में बीमारियों की चपेट में आ सकता है। कहने का तात्पर्य यह है कि जब बच्चा जन्म लेता है तब से बूढ़े तक की उम्र के दौरान कभी भी वह किसी भी गंभीर बीमारी का शिकार बन सकता है।
अर्थात बीमारी उम्र में भेदभाव नहीं करती है वह किसी को भी हो सकती है। आज हम एक ऐसी बीमारी के बारे में बात करने वाले हैं जिसका नाम है सेरेब्रल पाल्सीCerebral Palsy Disease) है जो एक मस्तिक से संबंध रखती है।
क्या क्या है सेरेब्रल पाल्सी बीमारी(Cerebral Palsy Disease)-
एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर के अनुसार सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल और मूवमेंट डिसऑर्डर। इस बीमारी के अंतर्गत बच्चे की मूवमेंट ,पोसचर तथा स्पीच प्रभावित हो जाता है। यह बीमारी तब होती है जब शिशु मां के गर्भ में होता है। हम सभी जानते हैं कि जब बच्चा मां के पेट में पल रहा होता है, तब उस दौरान उसके सारे अंगों का विकास होते रहता है। इस दौरान महत्वपूर्ण भाग जैसे टिशू और हड्डियों का विकास होते रहता है।
परंतु सेरेब्रल पाल्सी बीमारी की हो जाने से मस्तिष्क का विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाता है। सरल भाषा में कहें तो दिमाग का कुछ भाग डैमेज हो जाता है। जिसके कारण बच्चे की जो मोमेंट होती है बोलने की जो क्षमता होती है या उसकी पोस्चर में काफी सारे बदलाव नजर आते हैं। इसीलिए हम कह सकते हैं कि जब बच्चे का जन्म होता है तो ,मां के पेट से ही सेरेब्रल पाल्सी बीमारी लेकर आता है।
सेरेब्रल पाल्सी(Cerebral Palsy Disease )के लक्षण-
👉एक एक्सपर्ट की मानें तो जन्म के बाद से ही बच्चे में इस बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं।
👉बच्चा सामान्य बच्चों की तरह फर्श पर चलने में असमर्थ होता है।
👉पेट या पीठ के बल पलट नहीं पाता।
👉इस बीमारी के कारण बच्चा बोलने में भी असमर्थ होता है।
👉बच्चों में हड्डियों का भी विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है।
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy Disease)होने के मुख्य कारण-
जब बच्चे का मानसिक विकास सही रूप से नहीं हो पाता है तब इस प्रकार की बीमारी जन्म लेती है। मस्तिष्क में ऐसे कई अलग-अलग भाग होते हैं जिनका अपना अलग-अलग कार्य होता है। यदि मस्तिष्क का ऐसा कोई भाग खराब हो गया हो जो बच्चे की मोमेंट को कंट्रोल करता है तो आने वाले समय में बच्चे की मोमेंट प्रभावित हो जाएगी। सरल शब्दों में कहें तो बच्चा चल फिर उठ बैठ नहीं पाएगा। उसे पूरी जिंदगी व्हीलचेयर पर ही बितानी पड़ेगी
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy Disease)के जोखिम और इलाज-
इस प्रकार की बीमारी माइल्ड या सीवियर दोनों ही होती है। जब यह बीमारी सीवियर तरीके की होती है तो मरीज ठीक-ठाक से खा पी नहीं पाता है। मरीज को ट्यूब के जरिए खाना लिक्विड देना पड़ता है। सीवियर केसेस में ऐसे भी परिस्थिति आ जाती है जिसके कारण शरीर को सही तरीके से एनर्जी, पोषक तत्व नहीं मिल पाता है । एक समय के बाद मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। मरीज का चलना फिरना इतना मुश्किल हो जाता है कि इलाज करने में दिक्कत भी आ जाती है। ऐसी बीमारी हो जाने के कारण कुछ अन्य समस्याएं जैसे रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम्स, सांस लेने में तकलीफ भी पैदा हो जाती है। शरीर भोजन को पचाने में असमर्थ हो जाता है। जब इस बीमारी का लेवल बढ़ने लगता है तब मरीज के मौत होने की भी संभावना बढ़ जाती है । पर एक एक्सपर्ट की माने तो ऐसे केस में यदि अच्छे हेल्थ केयर, फिजियोथैरेपी ,बेहतर न्यूरोलॉजी कंसल्टेशन और ट्रीटमेंट मिले तो मृत्यु की संभावना काफी कम हो जाती है ।मरीज की उम्र लंबी हो सकती है।
मित्रों आपको बताना चाहूंगा कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला की 26 वर्षीय बेटे जैन नडेला की मौत सेरेब्रल पाल्सी बीमारी के कारण हो गई है ।जन्म के समय ही डॉक्टर ने बता दिया था कि जैन सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त थे।
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