हिन्दी निबंध :कैसे करे कैरियर का चुनाव

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कैसे करे कैरियर का चुनाव
कैसे करे कैरियर का चुनाव

कैसे करे कैरियर का चुनाव

कैरियर चुनाव करने का योग्य समय

हमारे समाज में अक्सर माता-पिता की यही इच्छा होती है कि उनके बच्चे जीवन में अच्छे कार्य करें और जल्द ही अपनी आजीविका कमाने के काबिल हो जाए। परंतु इस प्रकार के शुभ लक्ष्य को प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता है |इसमें कई प्रकार की कठिनाइयां भी आती हैं। जब हम बच्चों को स्कूल भेजते हैं तो शुरुआत से ही बच्चे के ऊपर पढ़ाई का एक बोझ आ जाता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है या बड़ी कक्षाओं में  जाता है , तो माता-पिता को उसके कैरियर के बारे में टेंशन आने लगती है। बच्चों के जीवन में दसवीं क्लास एक ऐसी क्लास होती है जिसके बाद उन्हें अपने करियर का चुनाव करना होता है। कहने का अर्थ यह है कि हाई स्कूल में उन्हें अपने करियर का अंतिम चुनाव करना होता है। परंतु कभी-कभी ऐसा देखने को मिलता है कि इतनी कड़ी मेहनत के बाद भी छात्र-छात्राएं अपने करियर की दिशा चुनने में असमर्थ पाए जाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि कभी-कभी वे गलत कैरियर का चुनाव कर बैठते है।

व्याक्ति की उन्नति देश की उन्नति

कैरियर चुनाव की समस्या  भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पाई जाती है। हम सभी जानते हैं कि यदि किसी व्यक्ति का कैरियर बन जाता है और ठीक दिशा की ओर अग्रसर होगा तभी यह अपने लिए धन उपार्जन कर प्रगति कर सकेगा। हम सभी जानते हैं कि अच्छा करियर एक व्यक्ति, परिवार, देश ,समाज के भविष्य का प्रतिबिंब माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति व्यवसायिक तौर पर प्रशिक्षित है तभी वह समाज पूरी तरह से आत्मनिर्भर माना जाता है। इसीलिए तो कहा जाता है कि समाज की उन्नति ही देश की आर्थिक और सामाजिक उन्नति का आधार बन जाता है। किसी देश की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उस देश के जो व्यक्ति है या नागरिक वे है कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्यों में लिप्त है?

कैरियर चुनाव एक जीवन का प्रश्न

कैरियर चुनाव का प्रश्न एक जीवन का प्रश्न माना जाता है। यदि विद्यार्थियों द्वारा करियर चुनाव का प्रश्न अच्छी तरह से हल नहीं किया गया तो आने वाले समय में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परंतु विद्यार्थियों की कम उम्र होने के कारण तथा मानसिक परिपक्वता की कमी के कारण कैरियर का चुनाव अध्यापकों ,माता-पिता और गुरुजनों के सहारे ही करना पड़ता है। बड़े-बड़े शहरों में आजकल तो  करियर काउंसलिंग कार्यालय भी खोले गए हैं जो विद्यार्थियों को कैरियर चुनाव में काफी मदद करते हैं। विद्यार्थियों की गुणवत्ता के आधार पर विद्यार्थी को किस प्रकार का कैरियर चुनना चाहिए ये सारी बातें करियर काउंसलिंग सेंटर से पता चल जाती है। मिलाजुला कर कहा जाए तो सत्य बात यह है कि कैरियर का सही चुनाव तो बच्चों को ही करना पड़ता है। 

क्योंकि यह उनके जीवन का प्रश्न माना जाता है। इसलिए छात्रों को यह सोचना चाहिए कि उन्हें जिस भी प्रकार का कैरियर का चुनाव करना है उसके बारे में अपने माता पिता और गुरुजनों को बताना चाहिए और उनसे सलाह लेना चाहिए। कभी-कभी ऐसा पाया जाता है कि कुछ विद्यार्थी गणित जैसे विषय में होशियार होते हैं। उनको कला व संस्कृति के विषय में पढ़ना मूर्खता होगी। इसी प्रकार कुछ बच्चे विज्ञान जैसे विषय से भी डरते हैं ,इन बच्चों को कला के विषय दिए जा सकते हैं। यदि कोई विद्यार्थी अपने कैरियर का चुनाव डॉक्टर या इंजीनियरिंग क्षेत्र में करना चाहता है तो उसे गणित और विज्ञान जैसे विषय में रुचि होना अति आवश्यक है। अतः छात्र को अभी सोचना होगा कि वह विज्ञान विषय के साथ इंसाफ कर पाएगा अथवा नहीं | यह निर्णय उसे सोच समझ कर लेना होगा |

अलग अलग कैरियर चुनाव के क्षेत्र

यदि कैरियर की बात करें तो बहुत सारे छात्र स्नातक और परास्नातक की परीक्षा देकर शिक्षा प्राप्त करते हैं। बहुत सारे छात्र पीएचडी जैसे कोर्सेज को भी कंप्लीट करते हैं। कई सारे छात्र स्नातक की परीक्षा कंप्लीट करने के बाद बहुत सारे गवर्नमेंट की परीक्षाएं देकर अपने कैरियर का चुनाव करते हैं। यदि किसी विद्यार्थी को अपने करियर के चुनाव के लिए शिक्षक बनना है तो उसे स्नातक की परीक्षा करने के बाद B.Ed जैसी परीक्षाएं भी देनी पड़ती है। कई छात्र छात्राएं पढ़ाई पूरी होने के बाद अपने अपने व्यवसाय चलाने की बात सोचते हैं परंतु इसके लिए धन, बुद्धिमता और कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है। इससे देश का भी आर्थिक विकास होता है और बेरोजगारों को भी  रोजगार प्राप्त होता है। यदि आप हायर एजुकेशन के लिए भारत देश के बाहर जाना चाहते हैं तो कई सारे बैंक  आपको ऋण भी प्रदान करते है।

निष्कर्ष

तो हम इस बात पर पहुंचते हैं कि हमारे देश का भला तभी होगा जब युवा ठीक प्रकार के कार्यों में अपना तन मन लगा देंगे । देश की उत्पादकता बढ़ेगी और राष्ट्र एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा । बेरोजगारी की विकट समस्या का भी निदान हो जाएगा।

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