यदि मैं प्रधानमंत्री होता हिन्दी निबंध | YADI MAI PRADHANMANTRI HOTA HINDI NIBANDH

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यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता

प्रस्तावना (यदि मैं प्रधानमंत्री होता)

हर व्यक्ति  सपने संजोता है और मनोरम कल्पनाएं करता है। यह मनुष्य का स्वभाव है। मनोरम कल्पनाये साकार न  भी  हों तो विशेष चिंता की बात नहीं होती है। वे कुछ समय के लिए ही सही, मन को आनंद तो प्रदान करती ही है। मैं भी ऐसी अनगिनत मनोरम कल्पनाएं करता   रहता हूं। कभी-कभी मैं सोचता हूं कि यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो….

प्रधानमंत्री बनना एक सौभाग्य की बात(यदि मैं प्रधानमंत्री होता)

हम सभी जानते हैं कि किसी भी जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री की भूमिका अहम मानी जाती है। एक कुशल तथा दूरदर्शी प्रधानमंत्री  ही देश के विकास में सहयोग प्रदान कर सकता है। इसीलिए तो लोग कहते हैं कि प्रधानमंत्री ही मंत्रिमंडल का नेता होता है। इसीलिए यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने आप को गौरवशाली और भाग्यशाली मानता क्योंकि देश सेवा का अवसर मिलना  एक सौभाग्य की बात मानी जाती है।

देश में कानून व्यवस्था(यदि मैं प्रधानमंत्री होता)

यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो देश की कानून व्यवस्था को बनाए रखना, यह मेरी प्रथम प्राथमिकता होती। देश में कानून और व्यवस्था का कड़ाई से पालन करवाता। मैं जनता को शांतिपूर्ण और भय मुक्त जीवन जीने का अवसर प्रदान करने का प्रयत्न करता। देश के प्रत्येक व्यक्ति को समानता की भावना से देखता। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता  तो उसे दंड भी देता।

उद्योग धंधे तथा कृषि विकास पर जोर देना(यदि मैं प्रधानमंत्री होता)

यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने देश में जितने भी उद्योग धंधे हैं उनके विकास के लिए विशेष प्रयत्न करता। अब तक जो भी उद्योग धंधे बंद है उन्हे चालू करवाता और लोगों को नौकरी दिलवाता। इसके साथ ही साथ उद्योगों के लिए आवश्यक बिजली ,पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की उचित आपूर्ति करवाता। बड़े उद्योग के साथ-साथ कुटीर तथा लघु उद्योग के ऊपर भी विशेष ध्यान देता। हम सभी जानते हैं कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। इसीलिए देश में कृषि विकास पर भी जोर देता। किसानों को बिजली, पानी ,उर्वरक आदि की पूर्ति सस्ती दर पर करने का प्रयत्न करता। इसके  अलावा भी किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आने पर मैं किसानों का यथोचित सहायता करता। 

सामाजिक बुराइयों को दूर करना

हम सभी जानते हैं कि देश में भ्रष्टाचार, प्रांत वाद और जातिवाद बड़ी तेजी से फैल रहा है। तस्करी, कालाबाजारी, रिश्वतखोरी, दंगे फसाद जैसी अनेक प्रकार की सामाजिक विकृतियां धीरे-धीरे पनप रही। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो इन सभी विकृतियों को दूर करने के लिए कड़े नियम बनाता। देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए मैं पूरी तरह से समर्पित हो जाता।

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार

हम सभी जानते हैं कि देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में  शिक्षित युवकों की भूमिका अहम मान जाती है। यदि किसी देश के युवा वर्ग पूरी तरह से शिक्षित हो तो निश्चित ही उस देश का कल्याण और भला आसानी से हो सकता है। इसीलिए यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा प्रणाली में कई तरह के नए आविष्कार और परिवर्तन लाता। गरीब व्यक्ति हो या अमीर सभी को समान शिक्षा देने का प्रयत्न करता । बड़े बड़े कॉलेज ,यूनिवर्सिटी तथा स्कूल खुलवाता ताकि देश का हर एक बच्चा हर एक व्यक्ति शिक्षित हो जता। शिक्षा को नई तकनीकी और कंप्यूटर से जोड़ने का विशेष प्रयत्न करता।

 इसके साथ ही साथ मैं नहीं चाहता कि हमारे कुछ भाई ज्यादा समय तक आरक्षण की बैसाखी पकड़कर आगे बढ़े। मैं चाहता हूं कि हमारे सभी वर्ग के लोग अधिक से अधिक योग्य बनने के लिए प्रयास करें। इसके लिए मैं ऐसे केंद्र खोलता  जहां हर वर्ग के बच्चे आकर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते तथा सफल होकर देश की सेवा करते ।

हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ

मैं उन लोगों के  भी सख्त खिलाफ हूं जो हिंसा की राजनीति करते हैं तथा भले ,शरीफ और निर्दोष आदमियों को मार कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। राजनीति में हिंसा नहीं अहिंसा होनी चाहिए ताकि लोग डरकर तथा आतंकवादी गतिविधियों से घबराकर अथवा किसी दबाव में आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित न रहे। मैं मतदाताओं को पूरी छूट अवश्य देंता ताकि वे अपने मन का कहना मान कर अपने मताधिकार का प्रयोग करें तथा जिस पार्टी को अच्छा समझते हो उसके उम्मीदवार को ही अपना मत दे|

अस्पताल तथा चिकित्सा व्यवस्था

आज गरीब वर्ग में ऐसे भी व्यक्ति होते हैं जिन्हें अपना इलाज करवाने के लिए पैसा नहीं होता है। इसीलिए यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में ऐसे अस्पताल तथा चिकित्सा केंद्रों को बनवाता  ताकि गरीब वर्ग के लोग भी अपना इलाज आसानी से करवा सकें।

देश के शत्रु को मजा चखना

यदि कोई भी दूसरा देश मेरे देश पर आक्रमण करता है या नजर रखता तो मैं अवश्य उसे अपनी सेना के माध्यम से उसे दंड देता। देश की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा यह मेरा प्रथम कर्तव्य है। यदि कोई भी दूसरा देश मेरे देश की शांति तथा अखंडता को नष्ट करने का प्रयत्न करता तो मैं उसे ऐसा दंड देता कि वह दोबारा मेरे देश पर आंखें उठाकर ना दे सके।

विदेश नीति

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश के साथ सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता और गुट बंदी से अलग रहता है । मैं विद्यालय में फौजी तालीम अनिवार्य कराता और सुरक्षा की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाता। जहां तक हो सके युद्ध से दूर रहता फिर भी अन्याय पूर्ण आक्रमणों को मुंहतोड़ जवाब देता। आतंकवाद को कुचलने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ता।

उपसंहार

देश के प्रधानमंत्री का पद बड़ा ही गरिमामय  होता है। मैं अपने पद के अनुकूल ऐसा कोई काम नहीं करता जिसकी वजह से उसकी छवि पर किसी प्रकार की आंच आती। इसलिए मैं भगवान से निवेदन करता हूं कि मुझे प्रधानमंत्री बनने का अवसर दें ताकि मैं अपने देश का अधिक से अधिक सेवा कर सकूं। काश मै अपने सभी अभिलक्षाशाओ को पूर्ण कर पाऊं।

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